tag:blogger.com,1999:blog-417740764999982630.post4863972812199760006..comments2024-01-30T07:29:55.670-08:00Comments on वातायन: वातायन-जून,२०१३रूपसिंह चन्देलhttp://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-417740764999982630.post-2442459010942014092013-06-11T03:28:17.446-07:002013-06-11T03:28:17.446-07:00 सुधा अरोड़ा जी की लेखनी का मैं मुरीद हूँ .... सुधा अरोड़ा जी की लेखनी का मैं मुरीद हूँ . वे जितनी अच्छी <br /><br />गद्य लेखिका हैं उतनी ही अच्छी पद्य लेखिका भी . वातायन के जून <br /><br />अंक में स्त्री विषय पर उनका लेख ` तेज़ाबी हमला ------- ` उनकी <br /><br />कविता ` एक मोर्चा ` और कहानी ` कांस का गिलास ` देख - पढ़ कर <br /><br />हार्दिक प्रसन्नता हुई है . सौभाग्य से उनकी इस ज़ोरदार कहानी को <br /><br />मैंने न जाने कितनी बार पढ़ा है ! लेख और कविता में स्त्री विषय पर <br /><br />उनके विचार सराहनीय ही नहीं , उल्लेखनीय भी हैं . <br /><br /> विचारशील वातायन किसी प्रबुद्ध पत्रिका से कम नहीं है . <br /><br />इसकी बेबाक़ सोच का मैं तरफदार ही नहीं , क़ायल भी हूँ .<br />PRAN SHARMAnoreply@blogger.com