tag:blogger.com,1999:blog-417740764999982630.post6375031088372881361..comments2024-01-30T07:29:55.670-08:00Comments on वातायन: कवितारूपसिंह चन्देलhttp://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-417740764999982630.post-14301627322062870982009-10-22T05:36:06.455-07:002009-10-22T05:36:06.455-07:00बहुत गंम्भीर और सोचने पर मजबूर करती कविताएँ.....
ब...बहुत गंम्भीर और सोचने पर मजबूर करती कविताएँ.....<br />बढ़िया कविताएँ पढ़वाने के लिए रूप जी बधाई..Dr. Sudha Om Dhingrahttps://www.blogger.com/profile/10916293722568766521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-417740764999982630.post-71177901325378334232009-10-11T08:29:29.208-07:002009-10-11T08:29:29.208-07:00YOGENDRA JEE KEE KAVITAAON KA EK-
EK SHABD KA TEVA...YOGENDRA JEE KEE KAVITAAON KA EK-<br />EK SHABD KA TEVAR DEKHNE WAALAA<br />HAI.KAHIN -KABIR SHABD KHOOB CHOT<br />KARTE HAIN.KABEER KE VAANEE SE VE<br />KAM NAHIN HAIN.SASHAKT KAVITAAON KO<br />PADHWAANE KE LIYE DHANYAWAAD AAPKAA<br />ROOP JEE.PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-417740764999982630.post-61335738441229726102009-10-10T06:46:13.417-07:002009-10-10T06:46:13.417-07:00योगेन्द्र कृष्णा की कविताएं बड़े ध्यान से पढ़ने की ...योगेन्द्र कृष्णा की कविताएं बड़े ध्यान से पढ़ने की मांग करती हैं। कविताएं जिस उद्वेलन बिन्दु की ओर ले जाती है, वहाँ सरसरी तौर पर इन कविताओं को पढने पर नहीं पहुँचा जा सकता। बेहद गम्भीर और सकारात्मक सोच की कविताएं हैं। भाई योगेन्द्र जी का परिचय अंग्रेजी में क्यों ? इसे हिन्दी में ही होना चाहिए।सुभाष नीरवhttps://www.blogger.com/profile/03126575478140833321noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-417740764999982630.post-13394358704505587562009-10-09T05:29:16.162-07:002009-10-09T05:29:16.162-07:00पेड़-पौधे, पत्तियाँ जब तक तंग कमरे में जगह बनाते रह...पेड़-पौधे, पत्तियाँ जब तक तंग कमरे में जगह बनाते रहेंगे, मनुष्य जीवित रहेगा और जीवित रहेंगी जिन्दा रहने की उसकी ताकतें भी। सभी कविताएँ सकारात्मक हैं।बलराम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.com