tag:blogger.com,1999:blog-417740764999982630.post8009856877937878408..comments2024-01-30T07:29:55.670-08:00Comments on वातायन: वातायन - दिसम्बर, २००८रूपसिंह चन्देलhttp://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-417740764999982630.post-49708280354892499412008-12-18T01:26:00.000-08:002008-12-18T01:26:00.000-08:00Priya Chandel,Tumane bahut hi sahi baat kahi hai. ...Priya Chandel,<BR/><BR/>Tumane bahut hi sahi baat kahi hai. Yadi hamare rajneta apani ghatiya raajaniti se upar uthkar kar desh ke baare kaama karen to kisi bhi videshi takat se ladana kathin nahi hoga. <BR/><BR/>Ashok Andrey<BR/>hiren.kram586@gmail.comAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-417740764999982630.post-48586149598865971262008-12-17T03:05:00.000-08:002008-12-17T03:05:00.000-08:00Dear Dr. Chandel,Your endeavour to highlight, thro...Dear Dr. Chandel,<BR/>Your endeavour to highlight, through your blog, the recent Pak sponsored terrorism in Mumbai is indeed a very bold step, which I appreciate and acknowledge whole-heartedly.<BR/>I. BURMANAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-417740764999982630.post-1167096502877530472008-12-16T09:33:00.000-08:002008-12-16T09:33:00.000-08:00आपका सोचना बिल्कुल सही है । अमेरिका में यदि दूसरा ...आपका सोचना बिल्कुल सही है । अमेरिका में यदि दूसरा ९/११ नहीं हुआ तो इसीलिए कि यहाँ हर अमेरिकी पहले अमेरिकी है , बाद में डेमोक्रेट या रिपब्लिकन। भारत में लोग जिस दिन देश के सन्दर्भ में सोचना सीख जायेंगे , सारे राजनीतिज्ञ ठंढे पड़ जायेंगे। उनका दिमाग ठिकाने आ जायेगा।<BR/>इलाIlahttps://www.blogger.com/profile/15571289109294040676noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-417740764999982630.post-3974942304891008842008-12-05T22:39:00.000-08:002008-12-05T22:39:00.000-08:00भाई रूपसिंह जीदुनियां का सबसे बड़ा झूठ - आतंकवाद क...भाई रूपसिंह जी<BR/><BR/>दुनियां का सबसे बड़ा झूठ - आतंकवाद का कोई मज़हब नहीं होता। सच तो यह है - मज़हब ही सिखाता है, आपस में बैर रखना। इन्सान की बनाई हुई कोई भी चीज़ इन्सान या प्रकृति के लिये अच्छी नहीं होती है। इन्सान द्वारा ईजाद की गई हर वस्तु उसका और प्रकृति का नुक़सान ही करती है। इन्सान की सबसे बड़ी खोज है - भगवान। इसलिये इन्सान का सबसे अधिक नुक़सान इन्सान की यही खोज करती है। हर दुक़ान कहती है कि मेरा माल दूसरे के माल से बेहतर है। यदि ब्रिटेन में पैदा हुआ एक युवा, ईराक़ और अफ़गानिस्तान का बदला लन्दन अण्डरग्राउण्ड में बम धमाके कर के लेता है,तो इसका एक ही अर्थ है कि आतंकवाद का मज़हब होता है। दुनियां का कोई मज़हब दूसरे मज़हब को अच्छा नहीं बताता। <BR/><BR/>भारत में चाहे राजनीतिक नेता हों या फिर मुसलमानों के अपने लीडर हों, सबके लिये मुसलमान केवल वोट बैंक हैं। भारत की सर्वोच्च अदालत अफ़ज़ल गुरू को फांसी की सज़ा देती है। भारत के राष्ट्रपति उसकी सज़ा माफ़ नहीं करते। फिर भी वह करदाता के पैसों पर ऐश कर रहा है। यह केवल भारत में ही हो सकता है।<BR/><BR/>जबतक राजनेताओं का चरित्र नहीं बदलेगा, भारत में आतंकवाद यूं ही सबको डसता रहेगा।<BR/><BR/>तेजेन्द्र शर्मा, लन्दनतेजेन्द्र शर्माhttps://www.blogger.com/profile/15753407163299608362noreply@blogger.com